रविवार, 17 अगस्त 2025




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🌸 अधूरी ख्वाहिशें: एक भावनात्मक कहानी सामाजिक



---1 bat jarur pade 


✨ परिचय


हर इंसान की जिंदगी में कुछ सपने देखते रह जाते हैं। लेकिन कभी-कभी वैराइटी ड्रीम थिएटर के लिए लाइटें बन जाती हैं। यह कहानी रानी नाम की एक साधारण लड़की की है, ख्वाहिशें अधूरी रह गईं, लेकिन वह हार नहीं मानी और समाज को एक नई सोच दी।



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🎓सपने वाली लड़की


गाँव की पगडंडियों पर रहने वाली रानी की आँखों में देखकर एक ही सपना था—पढ़ाई अध्यापिकादीन।


उसने बार-बार कहा-


> “अगर मैं पढ़ूंगी नहीं, तो हमारी जैसी और बेटियां कैसे पढ़ेंगी?”




उसके माता-पिता गरीब थे, लेकिन रानी की लगन देखकर कभी-कभी चुप हो जाते थे।



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💔हालात की मार


चिकित्सक की परीक्षा में वास्तु शास्त्र आने के बाद उसकी माँ बीमार पड़ गई। घर का खर्च और दवा का बोझ अकेले न उठा सके। रानी ने स्कूल फ़ोर्सिया सेंटर में काम करना शुरू कर दिया।


मशीन की चर्र-चर्र में उसका सपना देखा गया।



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👰जबरदस्ती की शादी


गरीबी और समाज के दबाव में उसकी शादी राकेश से हो गई। रमेश अच्छा था, मगर सोच पुरानी थी।


रानी ने एक दिन कहा-

“अगर मैं आगे पढ़ाई करूँ तो?”


रमेश हँसकर बोला—

“ये सभी फिल्मों में अच्छा लगता है, असली जिंदगी में महिलाओं का काम घर संभालना है।”


उस रात रानी खिलौना तकिए में छुपकर रोटी रही।



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👩‍👧मां की सीख


रानी माँ बनी। उसने बच्चों को हमेशा यही सिखाया—


> “पढ़िए सबसे बड़ी फिल्म, इसे कभी मत पढ़िए।”




उसकी बेटी बार बार प्रश्नती—

“अम्मा, अगर पढ़ाई इतनी पढ़ी है तो तुमने क्यों छोड़ दी?”


रानी तितली कह देती है—

“बिटिया, कभी-कभी माँ-बाप अपने सपनों की कुर्बानियाँ देने वाले बच्चों के लिए बाहर निकल जाते हैं।”



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🌟सम्मान का पल


बाद में गाँव में महिला शिक्षा कार्यक्रम हुआ। मंच से अध्यापिका ने कहा-


"आज मैं जो हूं, उसकी प्रेरणा रानी है। उसने मुझसे कहा, अच्छी तरह से खुद पढ़ाई न कर पाई।"


यह देखकर रानी की आँखों से आँखें बह निकलीं। उसे लगा कि उसकी साहित्यिक कृति ने किसी और की जिंदगी संवार दी।



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📖नई शुरुआत


उस रात रानी ने रमेश से कहा-

"मैं मॅयजमाइअल चाहत रखता हूँ। अब देर हो चुकी है, पर मन अभी भी अधूरा है।"


रमेश ने पहली बार नामांकित से सिरया-

“अगर यही तेरी ख़ुशी है तो कर, मैं नहीं रोकूँगा।”


रानी ने ओपन स्कूल में दाखिला लिया। अब शाम को वह पढ़ाई करती है और अपनी बेटी पर गर्व से कहती है-


> “मेरी माँ मेरा असली हीरो है।”




धीरे-धीरे-धीरे-धीरे रानी गांव की पहाड़ियों को पीछे छोड़ दिया गया।



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🌈 निष्कर्ष (निष्कर्ष)


रानी की कहानी हमें यह सिखाती है कि—


सपने की कोई उम्र नहीं होती।


चश्मे और समाज भले ही रोक लें, शीशे लगन और हर दरवाजा खोला जा सकता है।


एक शिक्षित महिला सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का भविष्य रोशन करती है।




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डी इल से -यानी की दिल से 

1 bar jarur pade 

मंगलवार, 12 अगस्त 2025

Dil Ko chhu lene bali kahani

ठीक है, मैं आपके लिए दिल को छूने वाला, 800 शब्दों का ब्लॉग लिखता हूं जो ब्लॉगर में सीधे अपलोड हो सके।

मैं इसे इमोशनल कहता हूं, जैसे कहानी और मोटिवेशनल रचनाएं हूं ताकि पाठक जुड़ें।



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🌸सफ़र-ए-ज़िंदगी: दिल को छूने वाली कहानी


ज़िन्दगी एक अजीब यात्रा है...कभी आसान रास्ते मिलते हैं, कभी काँटों भरी गलियाँ। कभी-कभी ऐसा लगता है कि हमारे सभी हाथों में कुछ लिखा हुआ है, या कभी-कभी ऐसा लगता है कि हमारे हाथों में कुछ-कुछ लिखा हुआ है।


ये कहानी है राघव की - एक आम सा लड़का, लेकिन एक अलग सा सपना। राघव एक छोटे से गांव में पैदा हुआ, जहां जिंदगी का मतलब सिर्फ दो वक्त की रोटी और एक छत समझ में आया। पर उसके स्वप्न गाँव के आकाश से कहीं अधिक बड़े थे।


🌱सपने का बीज


बचपन से ही राघव को पढाई का शौक था। वो प्राय: पुरातन और ध्वन-फूटे फर्नीचर में घंटों तक खोया रहता है। उनके दोस्त टीम में शामिल हैं, पर राघव अक्षरो की दुनिया में गम रहता है। उसके पिता एक मजदूर थे, जो दिन रात काम करके अपनी फ़ीस भरते थे।


एक दिन स्कूल के मास्टर जी ने कहा,

"राघव, अंदर कुछ अलग है। तुम जिंदगी में बहुत आगे हो।"

ये सूरज के राघव के दिल में एक नई रोशनी जल उठी।


💔 शैतान का सपना


लेकिन जीवन सदैव स्थिर नहीं है। 10वीं के बाद राघव के पिता बीमार पड़ गये। घर का खर्चा, इलाज का पैसा, सब रैग के टुकड़े पर आ गया। उन्होंने शहर में मजदूरों की पढ़ाई छोड़कर पढ़ाई शुरू कर दी।


दिन भर धूप में काम, रात में एक छोटे से कमरे में अकेले... कभी सोचा, "क्या मेरा सपना खतरनाक हो गया?"


🌟 एक छोटी सी उम्मीद


एक रात, जब वो थक कर सोता था, उसके दोस्त ने एक पुराना मोबाइल भगवान बनाया। मोबाइल में इंटरनेट था. राघव ने यूट्यूब और मुफ्त वेबसाइटों से पढ़ाई शुरू की। वो रात को काम से चार घंटे तक ऑनलाइन लेक्चर देखने लौटता है। धीरे-धीरे उसने स्कूल का पूरा सिलेबस खुद पढ़ा।


दो साल बाद उन्होंने 12वीं पास करके स्कूल खोला और फिर एक छोटे कॉलेज में प्रवेश लिया।


🚀सपने की उड़ान


राघव ने पार्ट टाइम काम करके अपनी तलाश की। दिन में कॉलेज, रात में होटल में वेटर का काम... थकन थी, लेकिन उसका सपना उसे आगे बढ़ने का सिखाता था।


5 साल के अंदर राघव ने सिर्फ ग्रेजुएशन ही नहीं किया, बल्कि एक एमएनसी में नौकरी भी पा ली। जिस शहर में वो एक छोटे से कमरे में रहता था, अब वहां अपना फ्लैट ले लिया।


उसने अपने पिता का इलाज़ किया, माँ को हर सुख दिया। और सबसे बड़ी बात - वो गांव के बच्चों के लिए फ्री क्लासेज ले लिया, ताकि कोई सपना गरीबी की वजह से अधूरा ना रहे।


❤️ जिंदगी का सबक


राघव की कहानी हमें ये सिखाती है की:


गरीबी, मुश्किलें और रुकावतें सिर्फ इमातिहान होते हैं, रुकावत नहीं।


सपने सिर्फ देखने से नहीं, उनके लिए लड़के से पूरे होते हैं।


एक छोटा सा अवसर, एक सही निर्णय, जीवन परिवर्तन हो सकता है।



अगर आप जिंदगी के सफर में थक गए हैं, तो याद रखें - हर अंधेरी रात के बाद एक नया सवेरा आता है।



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💌चींटी में बस इतनी सी बात चाहना:

"सपनों का सफर मुश्किल हो सकता है, लेकिन जिसने दिल से लड़ाई की, उसने जीत हासिल की। हर इंसान के अंदर एक राघव छिपा है, बस उसे जगने की देर है।"



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Safar -e-jindgi




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सफ़र-ए-ज़िंदगी – मंज़िल से ज़्यादा रास्ते का मज़ा


जिंदगी... एक लंबा सफर है, जहां हर मोड़ पर नई कहानी, नए सबक और नए ग्राहक मिलते हैं। कभी ये सफर आसान लगता है, तो कभी कांटों से भरा। लेकिन असल मायने तो ऐसे ही निकलते हैं- अपलोड में है, क्योंकि यही पल हमें और स्ट्रैटेजिक शेयर करते हैं।


पहला क़दम – उम्मीद का


हर सफर की शुरुआत एक उम्मीद से होती है- कुछ पाने की, कुछ बनने की, या बस दिल के किसी कोने में छुपे सपने को हक़ीक़त बनाने की। जिंदगी भी कुछ ऐसी ही है। हम रहते हैं, बिना ये जाने कि आगे क्या होगा, लेकिन दिल में एक यक़ीन होता है कि मंजिल ज़रूर मिलती है।


रास्ते के रंग


रास्ते में कभी हँसी के पल आते हैं, तो कभी आँखों का समन्दर। कुछ लोग आते हैं और साथ खेलते हैं, कुछ बस चले जाते हैं। हर इंसान, हर वाकया, हमारी किताब का एक नया पन्ना बनता है।


चुनौतीएँ - हमारे शिक्षक


कभी-कभी हमें रास्ता गिराना सिखाता है, लेकिन हर गिराना हमें उठाना सिखाता है। ये सभी उपकरण हमें बुद्धिमान और रणनीतिक स्थान देते हैं।


मंजिल का सच


जब हम मंजिल तक पहुँचते हैं, तो पता चलता है कि असली ख़ुशी तो उस सफ़र में थी जिसे हमने जिया था। मंज़िल बस एक वकील है, लेकिन सफ़र... वो तो ज़िंदगी का असली चेहरा है।



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💬अंत में, "सफ़र-ए-ज़िंदगी" हमें सिखाता है कि जिस जगह जल्दी-जल्दी ज़िंदगी बिताई जाए, उसे महसूस करना चाहिए। क्योंकि शायद मंजिल से ज्यादा खूबसूरत रास्ता होता है।



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शनिवार, 12 नवंबर 2022

परदेसी जीवन

 परदेस एक परीक्षा है लोग पहले कहते थे कि हम परदेस कमाने जाएंगे और अभी भी आप सुनते हैं कि लोग कहते हैं कि हम अब परदेस में कुछ काम धंधा करने जाएंगे वहां जाकर कुछ काम सीखेंगे और कुछ पैसा कमाएंगे तो देखिए परदेस दो तरह का होता है एक अपना गांव स्टेट से बाहर जाना और एक अपना देश से दूसरे देश में जाना जाने से पहले दिल में लगता है कि कैसा जगह है अपनों से दूर जाकर वहां कैसा लगेगा पर कैसे लोग मिलेंगे कैसा वातावरण होगा कैसा रहन सहन होगा हम कैसे वहां कि रहन-सहन में रहेंगे यह सब जाने से पहले दिल में सोच आरती रहती है दोस्तों अपनों से दूर रहना कितना मुश्किल होता है यह कोई परदेसी से पूछो लेकिन क्या किया जाए पेट एक ऐसा चीज है जिसके लिए अपनों के लिए कुछ ना कुछ काम धंधा तो करना ही पड़ेगा और काम धंधा करेंगे तो पैसा आएगा और वही पैसा से अपना जरूरत पूरा करेंगे परदेस जाने से पहले लोग सोचते हैं कि सब दोस्त परिवार से मिल ले फिर पता नहीं कब आएंगे कितना दिन के लिए आएंगे कब कौन मिलेगा नहीं मिलेगा यह सब सोचकर सब अपने दोस्त से अपने लोगों से मिलकर परदेस जाते हैं तो दोस्तों हम जिस प्रदेश की बात कर रहे हैं वह अपना अपना देश से दूसरा देश जाने से है तो दोस्तों हम भी एक परदेसी हैं और और हम जब अपना देश से दूसरे देश आए तो हमारे एक मित्र मिले मित्र बोले तो रूम पार्टनर वह पहले से वहां रह रहे थे तो वही बता रहे थे की घर का बहुत याद आ रहा है अपना लोगों को याद आ रहा है तो हम पूछेा यहां कैसा  लग रहा है तो बोले सब ठीक है फिर भी अपनों से दूर रहना कितना मुश्किल लगता है हम पूछो यहां काम धंधा कैसे चलता है तो बोले की सुबह को बस में बैठकर ड्यूटी जाना है और शाम को फिर वापस आना है फिर खाना खाकर सो जाओ फिर सुबह उठो और फिर ड्यूटी जाना यही यहां काम है काम में जो भी आपको काम है आपके हिसाब से जिस ट्रेड में आप आए हैं वह काम करना है आप लोग को तो मालूम ही होगा गल्फ कंट्री में कितना गर्मी पड़ता है गर्मी में बहुत धूप रहता है और वही धूप में काम करना पड़ता है यह आदमी क्या करें काम करता है अब इतना दूर से आया है तो काम तो करना ही पड़ेगा काम करके आए तो खाना पीना खाकर अपना घर का याद आ रहा है तो लोगों से थोड़ा बात किया थोड़ा घर में मोबाइल से बात किया क्या दोस्त लोग से बात कर लो फिर सो गया क्या करें आदमी बात करके थोड़ा दिल को तसल्ली हो जाता है फिर ऐसे रहते-रहते दिल लगने लगता है सच पूछो दिल लगता नहीं लगाना पड़ता है और ऐसे ही साल 2 साल होने के बाद लोग घर आते हैं और फिर अपनों से मुलाकात होता फिर मुझे इतना दिन के लिए आप छुट्टी में आए हैं तो छुट्टी बीतने के 10 दिन पहले से ही लगने लगता है फिर जाना है फिर दिल को तसल्ली देना पड़ता है कि क्या करेगा जाना तो पड़ेगा नहीं जाएगा तो फिर पैसा कहां से आएगा कुछ ना कुछ अपना देश हो या दूसरा देश कहीं तो कुछ न कुछ काम करना ही पड़ेगा परदेसी के बारे में जानना है तो कोई आपके आसपास के रहने वाले परदेसी से पूछो कि आप को कैसा लगता है इसके लिए कहा गया है कि प्रदेश एक जीवन का परीक्षा है और लोगों ने परदेसियों के गाना भी गाते हैं परदेसियों से ना अखियां मिलाना परदेसियों को है एक दिन जाना

आपका परदेसी बाबू

जय हिंद

शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2022

Kartik chht puja

 Kartik chht puja khas kar bihar or utar pradesh me bahut dhum dham se manaya jata hai is tyohaar me bahut niyam bartni padti hai. Yah tyohaar 4dino ka hota hai. Pahla din purani sanjhat ka hota hai is din jo parbaiti hoti hai bo niyam se chht mai ki puja karti hai or is din bahut niyam se prasad grahn karti hai uske 2sra din  parbaiti pura din upbas rahti hai or  sandhya samay bahut niyam se bhojan  (jise log prasad hi kahte hai) banta hai  jisme arba chabal(kacha basmti chabal) or chana dal chabl ke aataka pitha/puri banta hai uske bad  chht mai ka puja or git  hota hai. Puja hone ke bad  sabse pahle parbaiti (jochhat puja kafegi ya karega) prasad grahan karti hai is din ko bihar me lohnda ka prsad kaha  jata hai. Is din sab logon ko bula kar khila jata hai. 3sra din parbaiti pura din upbas rah kar sandhya se pahle sury devta ko argy diya jata hai  fir prabati rat bhar upbas rah kar subah naha dhokar ugate sury devta ko arghy deti hai is din log achhe achhe kapde pahan kar git gati hui dhum dham se jate hai. Yah parv kartik mahine manaya jata hai jo ki divali ke 4din bad se suru ho jata hai. 


--- 🌸 अधूरी ख्वाहिशें: एक भावनात्मक कहानी सामाजिक ---1 bat jarur pade  ✨ परिचय हर इंसान की जिंदगी में कुछ सपने देखते रह जाते हैं। लेकिन कभी...